अमेजन, एपल और गूगल ने ट्रम्प समर्थकों का पसंदीदा ऐप हटाया; हिंसा को बढ़ावा देने का आरोप


https://ift.tt/3bt1MX0 जेक निकस, डेवी अल्बा,,3361

पिछले कुछ माह में सोशल नेटवर्क पार्लर अमेरिका में तेजी से बढ़ने वाला ऐप रहा है। फेसबुक और ट्विटर ने गलत जानकारी देने और हिंसा भड़काने वाले पोस्ट हटाना शुरू किए तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लाखों समर्थक इस मुफ्त ऐप पर चले गए। लेकिन, शनिवार की रात पार्लर को अचानक अस्तित्व बचाने के लिए संघर्ष करने की नौबत आ गई। अमेजन, एपल और गूगल ने ऐप को अपने स्टोर्स से हटा दिया है।

सबसे पहले एपल ने आईफोन और फिर गूगल ने अपने ऐप स्टोर से पार्लर को हटाया। इसके बाद अमेजन ने पार्लर को सूचना दी कि वह उसे अपनी वेब होस्टिंग सर्विस से अलग कर रही है। ऐप पर नियम तोड़ने का आरोप लगाया गया है।

अमेजन के फैसले के कारण पार्लर का समूचा प्लेटफार्म जल्द ही ऑफलाइन हो जाएगा। उसे नई होस्टिंग सेवा की तलाश करनी पड़ेगी। पार्लर के प्रमुख अधिकारी जॉन मेट्ज ने एक मैसेज में कहा कि बड़ी टेक कंपनियां प्रतिस्पर्धा खत्म करना चाहती हैं। एक दिन पहले लग रहा था कि टेक्नोलॉजी कंपनियों के खिलाफ ट्रम्प समर्थकों और कट्टरपंथियों के बढ़ते गुस्से से पार्लर को फायदा होगा। ट्रम्प पर ट्विटर की पाबंदी के बाद वह इन लोगों की स्वाभाविक पसंद हो सकता था।

अमेजन ने पार्लर को एक पत्र में लिखा है कि उसने कंपनी को उसकी साइट पर हिंसा के बढ़ावा देने वाले 98 पोस्ट के उदाहरण भेजे थे। इनमें से कई पोस्ट अब भी मौजूद हैं। लिहाजा साफ है कि पार्लर में अमेजन के नियमों का पालन करने की प्रभावी प्रक्रिया नहीं है। हम ऐसे ग्राहक को अपनी सेवाएं नहीं दे सकते हैं जो दूसरे लोगों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले कंटेंट को नहीं हटा सकता है।

शुक्रवार को एपल ने पार्लर को अपने ऐप से आपत्तिजनक पोस्ट हटाने या ऐप स्टोर से हटाए जाने की चेतावनी दी थी। कुछ पोस्ट हटाए भी गए लेकिन एपल ने शनिवार को बताया कि यह पर्याप्त नहीं है। गूगल ने पार्लर को अपने प्रमुख एंड्रॉयड ऐप स्टोर से अलग कर दिया है लेकिन ऐप को दूसरी जगह से डाउनलोड करने की अनुमति है।

नफरत फैलाने वाले दूसरे ऐपभी​​​​​​ प्रभावित होंगे
इंटरनेट पर बहुत बड़ी संख्या में वेबसाइट और ऐप्स अमेजन वेब सर्विस के सहारे चलते हैं। जबकि एपल और गूगल के ऑपरेटिंग सिस्टम दुनिया के लगभग सभी स्मार्ट फोन पर मौजूद हैं। इन कंपनियों द्वारा नियम तोड़ने वाले ऐप्स और साइट के खिलाफ कार्रवाई करने का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। कई कंपनियों ने ट्रम्प के समर्थकों को खुली अभिव्यक्ति के नाम पर सोशल मीडिया नेटवर्क मुहैया कराए हैं। इन पर पाबंदी की चिंता किए बिना धमकियां देने, नफरत और झूठ फैलाने वाला कंटेंट धड़ल्ले से दिया जा रहा है। टेक कंपनियों की कड़ी कार्रवाई से ऐसे ऐप्स को अपने यहां जाने वाले पोस्ट की बारीकी से निगरानी करनी पड़ेगी।

कई साइट्स ने कंटेंट में सुधार किया
अमेजन, एपल और गूगल के निर्णय से दूसरे ऐप अपने कंटेंट में सुधार के लिए कदम उठाएंगे। 6 जनवरी को वाशिंगटन में संसद भवन-केपिटल बिल्डिंग में घुसने वाले दंगाइयों ने एक लाइव स्ट्रीमिंग साइट डी लाइव पर घटना का प्रसारण किया था। साइट ने बताया कि उसने सात चैनल अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिए हैं। भीड़ के 100 पूर्व प्रसारणों को हटा दिया है। ट्रम्प समर्थकों और उग्र दक्षिण पंथियों के पोस्ट देने वाली साइट क्लाउटहब और माई मिलिशिया ने अभी हाल में हिंसा की धमकी देने वाले पोस्ट पर पाबंदी लगाई है।



Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
फेसबुक और ट्विटर ने गलत जानकारी देने और हिंसा भड़काने वाले पोस्ट हटाने शुरू किए तो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लाखों समर्थक मुफ्त ऐप पार्लर पर चले गए थे।

Comments

Archive

Contact Form

Send