भारत की 30 में से 18 यूनिकॉर्न में चीन की बड़ी हिस्सेदारी, स्विगी और जोमाटो जैसे स्टार्टअप्स में भी किया निवेश


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लद्दाख की गालवान घाटी में यहां एक ओर सीमा विवाद के कारण भारत और चीन आमने सामने है तो वहीं दूसरी ओर चीन भारतीय स्टार्टअप कपनियों में लगातार निवेश बढ़ा रहा है। इससे उसकी भारतीय बाजार में पकड़ और मजबूत हो जाएगी। भारत और चीन एक दूसरे पर आर्थिक रूप से काफी निर्भर हैं और तनाव बढ़ने से दोनों का ही नुकसान होने वाला है।चीन की कई बड़ी कपनियों ने बीते सालों में भारत में निवेश बढ़ाया है।हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार भारत की 30 में से 18 यूनिकॉर्न में चीन की बड़ी हिस्सेदारी है।


भारती कंपनियों में चीन का बड़ा निवेश
चीन की कंपनियों ने भारत की स्टार्टअप कंपनियों में भारी निवेश किया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में चायनीज कंपनियों ने भारत में 51 मिलियन डॉलर का निवेश किया था जो 2019 में बढ़कर 1230 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 2014 से 2019 तक चीन ने भारतीय स्टार्टअप्स में कुल 5.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया। चीन की जिन कपंनियों ने भारत निवेश किया उनमे अलीबाबा, टेंशेट और टीआर कैपिटल सहित अन्य दिग्गज कंपनियां शामिल हैं।


चीन ने किस साल कितना निवेश किया?

साल कितनी डील हुईं कितने कीं(मिलियन डॉलर)
2020 15 263
2019 47 1230
2018 49 1340
2017 33 1666
2016 18 315
2015 14 959
2014 5 51

सोर्स : वेंचर इंटेलिजेंस


भारत की 30 यूनिकॉर्न में से 18 में चीन की हिस्सेदारी
मुंबई के विदेशी मामलों के थिंक टैंक 'गेटवे हाउस' ने भारत में ऐसी 75 कंपनियों की पहचान की है जो ई-कॉमर्स, फिनटेक, मीडिया/सोशल मीडिया, एग्रीगेशन सर्विस और लॉजिस्टिक्स जैसी सेवाओं में हैं और उनमें चीन का निवेश है। हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार भारत की 30 में से 18 यूनिकॉर्न में चीन की बड़ी हिस्सेदारी है। यूनिकॉर्न एक निजी स्टार्टअप कंपनी को कहते हैं जिसकी क़ीमत एक अरब डॉलर है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तकनीकी क्षेत्र में ज्यादा निवेश के कारण चीन ने भारत पर अपना क़ब्ज़ा जमा लिया है।


इन भारतीय यूनिकॉर्न में है चीन का निवेश

कंपनी इन्वेस्टर कितना निवेश (मिलियन डॉलर) चीनी निवेश से कितना हुआ कुल इन्वेस्टमेंट(मिलियन डॉलर) कंपनी में चीनी कंपनी मुख्य इन्वेस्टर है?
सिटियस टेक BaringAsia 880 992 हां
ओला कैब टेंशेट,सेलिंग कैपिटल 451 2759 नहीं
स्विगी टेंशेट,हिलहॉउस कैपिटल 328 1644 नहीं
पेटीएममॉल अलीबाबा 222 645 हां
पॉलिसी बाजार टेंशेट 150 554 हां
ड्रीम 11 टेंशेट 100 183 हां
डेल्हीवरी fosun group 49 837 नहीं
बाईजूस क्लासेज टेंशेट 40 1454 नहीं
फ्लिपकार्ट टेंशेट,TRकैपिटल जानकारी नहीं 7126 नहीं
पेटीएम अलीबाबा जानकारी नहीं 4106 हां
स्नैपडील अलीबाबा,tybourne capital जानकारी नहीं 2089 नहीं
जोमाटो अलीबाबा,शुनवेई कैपिटल जानकारी नहीं 912 हां
उड़ान टेंशेट,हिलहॉउस कैपिटल जानकारी नहीं 871 नहीं
बिग बकेट अलीबाबा, TRकैपिटल जानकारी नहीं 730 हां
लेंसकार्ट TRकैपिटल जानकारी नहीं 668 नहीं
हाइक टेंशेट,फॉक्सकोन्न जानकारी नहीं 240 हां

सोर्स : वेंचर इंटेलिजेंस


इन चीन की कंपनियों ने किया बड़ा निवेश
चीन की जिन कपंनियों ने भारतीय कंपनियों में बड़ा निवेश किया है उनमें टेंशेट, शुनवेई कैपिटल और शाओमी जैसी कंपनियां शामिल हैं। टेंशेट ने भारत की 19 कंपनियों में, शुनवाई कैपिटल ने 16 कंपनियों में, स्वास्तिका 10 कंपनियों में और शाओमी ने 8 भारतीय कंपनियों में निवेश किया है। इसके अलावा अलीबाबा ने भी कई कंपनियों में बड़ा निवेश किया है।


इन भारतीय स्टार्टअप्स में चीन ने किया बड़ा निवेश

कंपनी इन्वेस्टर कितना निवेश (मिलियन डॉलर)
स्विगी टेंशेट,सैमसंग वेंचर,कोरिया 153
जोमाटो अलीबाबा 150
बिग बकेट कोरिया,मिराए एसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट 60
खाता बुक टेंशेट,जीजीवी कैपिटल,बीकैपिटल 60
चायोस इंटीग्रेटेडकैपिटल,थिंक इन्वेस्टमेंट 20

सोर्स : वेंचर इंटेलिजेंस

स्मार्टफोन बाजार में 70 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी
चीन की स्मार्टफोन बनाने वाली कपनियों ने भारती स्मार्टफोन बाजार पर अपना प्रभाव बना लिया है। भारत में स्मार्टफोन का बाजार करीब 2 लाख करोड़ रुपए का है। चाइनीज ब्रैंड जैसे ओप्पो, शाओमी और रेडमी ने 70 फीसदी से ज्यादा मोबाइल मार्केट पर कब्जा कर लिया है। इसी तरह 25 हजार करोड़ के टेलीविजन मार्केट में चाइनीज ब्रैंड का 45 फीसदी तक कब्जा है।



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2014 में चायनीज कंपनियों ने भारत में 51 मिलियन डॉलर का निवेश किया था जो 2019 में बढ़कर 1230 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया

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